विश्व के प्रथम अंगुलि चिन्ह ब्यूरो का गठन वर्ष 1897 में कलकत्ता (अब कोलकता) किया गया था। चूंकि स्वदेशी ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एफिस) आने से अंगुलि चिन्ह विज्ञान के क्षेत्र में जबरदस्त उन्नति हुई है। आसूचना ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत, कलकत्ता (अब कोलकाता), पश्चिम बंगाल में केंद्रीय अंगुलि चिन्ह ब्यूरो वर्ष 1955 में अस्तित्व में आया। वर्ष 1973 में के.अं.चि.ब्यूरो का प्रशासनिक नियंत्रण केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में स्थानांतरित कर दिया गया था, और जुलाई, 1986 से, यह रा.अ.रि.ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
के.अं.छा.ब्यूरो कोलकता यूनिट (संग्रहालय)1957 से, के.अ.छा.ब्यूरो, कोलकता ने समय के साथ एक संग्रहालय विकसित किया है। इसमें अंगुलि छाप विज्ञान और कार्यों से संबंधित कई प्राचीन, ऐतिहासिक दस्तावेजों, तस्वीरों और उपकरणों का संग्रह है। कुछ उल्लेखनीय संग्रह निम्न प्रकार से हैं: -