सी.एफ.पी.बी. शाखा

केन्द्रीय अंगुल चिन्ह ब्यूरो

परीक्षा तिथि परिवर्तन / अंगुली छाप विशेषज्ञों की अखिल भारतीय बोर्ड परीक्षा 2020 में अभ्यर्थियों के नामांकन के संबंध में REPORT pdf [579KB]

Change of date of Examination/Calling for willingless to act as one of the members of the Board for All India Board Examinatiional for finger print Expert (AIBE) 2020. REPORT pdf [612 KB]

"चेहरा झूट बोल सकता है अंगुली चिन्ह नहीं"

अंगुल चिन्ह विज्ञान की उत्पति

केन्द्रीय अंगुल चिन्ह ब्यूरो (के.अ.चि.ब्यूरो) की स्थापना

केन्द्रीय अंगुल चिन्ह ब्यूरो संक्षिप्त रूप से बेहतर जाना जाता है, के.अ.चि.ब्यूरो 1955 में कलकता (अब कोलकाता ) में आसूचना ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन अस्तित्व के आया । 1976 में प्रशासनिक नियन्त्रण केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को स्थानांतरित हो गया और जुलाई 1986 में अंततः के.अ.चि.ब्यूरो नवगडित राष्ट्रीय अपराध रिकाँर्ड ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन में कर दिया गया और यह पूर्वी खण्ड -7, रा.कृ.पुरम, नई दिल्ली 110066 मे स्थित है।

प्रकार्यात्मक भूमिका एवं प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियाँ

के.अ.चि.ब्यरो के मुख्य कार्य अपराधियों के अंगुल चिन्ह, राष्ट्रीय एव अन्तर राष्ट्रीय के डाटाबेस को संभाल कर रखना और सूचना को प्रसारित करना है। इसका उद्देश्य है:

  • अंगुल चिन्ह रिकाँर्ड स्लिप को संभाल कर रखना, के.अ.चि. ब्यूरो की अपराध अनुसूची के अंर्तगत आने वाले भारतीय और विदेशी दोष सिद्ध अपराधियों और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के इंटरपोल प्रभाग और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो नई दिल्ली दारा भेजे गए अन्तर राष्ट्रीय अपराधियों के रिकार्ड का अनुरक्षण करना।
  • केन्द्रीय सरकार के विभागों और भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा (विचारार्थ ) भेजे गए संदिग्ध अंगुल चिन्हों की जाँच करना।
  • अंगुल चिन्ह विज्ञान (सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक) में पुलिस और भारत में राज्य सरकारों के गैर-पुलिस कार्मिकों और विदेशों से कार्मिकों को कोलम्बो प्लान की तकनीकी सहयोग भेजना, विशेष राष्ट्र मण्डल अफ्रीकी सहयोग प्लान और अन्य विकासशील देशों के साथ अन्तर राष्ट्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के अंर्तगत प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • राज्य अंगुल चिन्ह ब्यूरो के कार्य में समन्वय एवं अंगुल चिन्ह से संबंधित सभी मामलों में आवश्यक मार्गदर्शन करना।
  • अंगुल चिन्ह विशेषज्ञों के प्रत्यायन हेतु प्रत्येक वर्ष अखिल भारतीय बोर्ड परीक्षा (1956 से) का संचालन करना। जो किसी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय से स्नातक है एवं अंगुल चिन्ह कार्य में तीन वर्ष का प्रायोगिक अनुभव पूरा कर लिया है, वें इस परीक्षा में भाग लेने के पात्र है।
  • अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट (1958 से) में अंगुल चिन्ह विज्ञान में प्रत्येक वर्ष प्रतियोगिता का संचालन करना।
  • वार्षिक पत्रिका भारत में अंगुल चिन्ह का प्रकाशन करना जो देश में सभी अंगुल चिन्ह ब्यूरो के कार्य एवं गतिविधियों का गहन अध्ययन है।
स्वचालित अंगुल चिन्ह पहचान प्रणाली

स्वचालित अंगुल चिन्ह पहचान प्रणाली (ए एफ आइ एस) के भारतीय रूपांतर को फेक्ट्स कहा जाता है, जिसे रा.अ.रि. ब्यूरो और सी एम सी लिमिटेड भारत दारा संयुक्त रूप से विकसित किया था, FACTS का वर्तमान रूपांतर 5.0 है। इस प्रणाली में चांस प्रिन्टों की तुलना सहित अंगुल चिन्ह की पकड़ के लिए, स्टोर एवं मिलान करने के लिए प्रतिरूप बनाने की प्रक्रिया और पैटर्न पहचान तकनीक का प्रयोग किया जाता है। अंगुल चिन्हों में मिलान करने के लिए इसमें पैटर्न वर्ग, कोर और डेल्टा सूचना , सूक्ष्म अवस्थिति, निदेशन ,आस-पास की सूचना, रिज-गणना एवं दूरियाँ, घनत्व, टाइप, प्रिण्ट पृष्ठभूमि / FOREGROUND सूचना इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। उपर्युक्त विवरण के अतिरिक्त FACTS में गैर-अंगुल चिन्ह सूचना या जनांकिकी संबंधी विवरण जैसे लिंग, क्षेत्र और दोष सिद्धि भी स्टोर होते है।

प्रमुख भूमिका

केन्द्रीय अंगुल चिन्ह ब्यूरो में संदिग्ध अंगुल चिन्हों सहित सभी संदिग्ध दस्तावेजों का और उनकी पहचान के संबंध में दिए गए मत या अन्य संबंधित बिन्दुओं का परीक्षण किया जाता है। सभी सरकारी संस्थाओं एवं सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के लिए यह सेवा निशुल्क है। प्राइवेट संस्थाओं या व्यक्तियों के मामले में, दस्तावेज़ सरकारी संस्थाओं के माध्यम से भेजे जाए।

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Updated On: 28/09/2020
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